शृंखला: ‘शिरडी साईं बाबा द्वारा मौखिक शक्तिपात’
शीर्षक १: समर्पण
विवरण
साईं नाथ के आदेश पर, यह पुस्तक सबकी सहूलियत को ध्यान में रखते हुए, शुद्ध हिंदी में नहीं, बल्कि हिन्दुस्तानी, यानी कि जटिल शब्दों से परहेज करते हुए, सरल व स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत की गई है, ताकि सभी सरलता से बाबा के शिक्षाओं को ग्रहण कर पाएँ। इस व्याख्या में पाठक हिंदी, उर्दू एवं अंग्रेज़ी का मिश्रण पाएंगे।
‘समर्पण’ एक वास्तविक जीवन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली यात्रा का अनुसरण करती है। यह ग्रंथ एक सांसारिक अस्तित्व का नेतृत्व करने से लेकर सर्वोच्च ईश्वर, हमारे आध्यात्मिक गुरु, शिरडी साईं बाबा की अचूक शक्ति का अनुभव देता है।
शिरडी के श्री साईं बाबा को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। वह सर्वव्यापी होते हुए एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु के रूप में अपने प्रिय भक्तों से संवाद करते हैं।
समर्पण द्वारा बाबा प्रशिक्षित करते हैं, कि किसी को वेदों व पुराणों में पारंगत होने की आवश्यकता नहीं है; ना ही वे, किसी शैक्षिक योग्यता या विशेष जाति, रंग, पंथ, धर्म या लिंग से संबंधित है। एक अनंत शक्ति, समान रूप से पूरी सृष्टि में व्याप्त है। उस निराकार और सर्वव्यापी ईश्वर को समर्पण करें एवं शुद्ध चेतना के आनंद का रस पिएं। अनंत शांति भीतर निवास करेगी। मन को मौन कर, मानव जन्म के सर्वोच्च व वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त करें।
साईनाथ ने स्वयं हमें असत्य से सत्य, भय से निर्भय, बंधन से मुक्ति, द्वैत से अद्वैत, अपूर्ण से संपूर्ण, अनेक से एक, भ्रम से वास्तविक, आकार से निराकार, अंत से अनंत, मृत्यु से अमरता, जीव से शिव, तक पहुँचाया व परिपक्व किया।
साईनाथ ने मुझे विशेष रूप से निर्देश दिया है कि इस पुस्तक में उनका कोई भी चित्र न डाला जाए।वे चाहते हैं सब उनके निराकार रूप को अनुभव करें। यह आध्यात्मिक ग्रंथ अविश्वसनीय चमत्कारों और दिव्य पाठों से भरा है, जो कि वास्तव में उनका सीधा मौखिक शक्तिपात है। अगर मैं इसको मेरा होने का दावा करूँ, तो इससे बड़ा असत्य हो ही नहीं सकता। साई स्वयं ही प्रेरणा है; साईं लेखक हैं; साई पाठक हैं; पूर्ण पुस्तक साईं से ही परिपूर्ण है। वह अकेले ही पटकथा-लेखक, संपादक, निर्देशक, अभिनेता, निर्माता और दर्शक भी वही हैं। निःसंदेह, गए जन्मों के अच्छे कर्मों के कारण ही मुझे यह आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। बाबा के आदेश पर, उनकी दिव्य लीलाओं से लिप्त, सच्ची कहानियों को साझा करने हेतु, मैं उनकी कलम बनी हूं। प्रत्येक शब्द साईनाथ द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष अनुभवों का वर्णन है।
मेरे शरीर के माध्यम से, साईनाथ ने आत्माओं को स्वस्थ करना आरंभ किया। इस प्रकार, परोक्ष रूप से मुझे भी स्वस्थ किया अथवा पीड़ा से उभारा। बाबा ने विभिन्न आत्माओं द्वारा अनुभव की गई निराशा व पीड़ा से मुझे अवगत किया। उन्होंने सांसारिक प्रशंसा व आलोचना, सम्मान व अपमान, सुख एवं दुख से प्रभावित न होने की सीख दी।
साथ ही परम सत्य के इच्छुक, सभी साधकों के लिए, समर्पण में असंख्य पाठों को साझा किया है। जब हम जीवन में निराश होते हैं, तो हमारी पीड़ा हमें एक ऐसे मित्र एवं उद्धारकर्ता की खोज में, सर्वोच्च ईश्वर तक ले जाती है, जिनके संपर्क में आने से आंतरिक शांति व संतुष्टि प्राप्त होती है। कृपालु साईं ने मुझे इस सब के अतिरिक्त अपार आनंद भी प्रदान किया। बाबा ने सबके प्रति विश्वास, धैर्य, प्रेम तथा करुणा का आशीर्वाद दिया।
आशा करती हूँ कि, अध्यात्म के पथ पर चलने वाले सभी साधकों को यह ग्रंथ "समर्पण" अपार आनंद, प्रसन्नता एवं ज्ञान प्रदान करेगा।
साईं आशीर्वाद सहित:
साई माँ
ओम् तत् सत्
Samarpan Hard Cover Launch Edition
- Hard Cover with Matt Laminate.
- Size 6 x 9
- Internal Paper 80 GSM Wesco Nova Creme
- Print length 278 pages
- Language - Hindi
- Publication date - January 13, 2023
- Dimensions - 6 x 0.9 x 9 inches